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ब्लॉग भेटी.

Wednesday, 2 February 2022

The Noun Number ( द नाउन नंबर ) नामाचे वचन


Singular  ---------- Plural
Number ----------- Number

(एकवचन ) --------- ( अनेकवचन )

cap   ------------- caps
map ------------- maps
car   ------------- cars
jar.  --------------  jars
ear  --------------- ears
cow  ------------- cows
bag  --------------- bags
ear  --------------- ears
eye  --------------- eyes
fan  ---------------- fans
hen  --------------- hens
egg  --------------- eggs
hat  ---------------- hats
mat  --------------- mats
hut  ---------------- huts
ant  ---------------- ants
kit  ------------------ kits
boy  ---------------- boys
joy  ----------------- joys
day  ---------------- days
way  --------------- ways
doll  --------------- dolls
girl  ---------------- girls
goat  -------------- goats
hand  -------------- hands
apple  ------------- apples
camel  ------------ camels
doctor ------------ doctors
sister  -------------- sisters
farmer -------------- farmers
father  -------------- fathers
mother ------------ mothers
school  -------------- schools
-------------------------------------
bus ---------------- buses
class ------------- classes
glass ------------ glasses
dish  -------------- dishes
dress  ------------ dresses
fox  ---------------- foxes
potato  ----------- potatoes
tomato ----------- tomatoes
------------------------------------
city  --------------- cities
lady --------------- ladies
-------------------------------------
day  ---------------- days
boy ----------------- boys
key ------------------ keys
way  --------------- ways
------------------------------------
leaf ------------------ leaves
calf ----------------- calves
thief ----------------  thieves
-------------------------------------
deer ---------------- deer
fish ------------------ fish
sheep ------------- sheep
-------------------------------------
foot ---------------- feet
man ---------------- men
tooth -------------- teeth
woman ------------ women
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SHANKAR  CHAURE
z.p. school -- jamnepada 
tal. Sakri. dist - Dhule
9422736775

Tuesday, 1 February 2022

बेरजेची कहाणी (तोंडी बेरीज सराव) +



१०  +  १० = २०
१०  +  २० = ३०
२०  +  १० = ३०
१०  +  ३० = ४०
२०  +  २० = ४०
३०  +  १० = ४०
१०  +  ४० = ५०
२०  +  ३० = ५०
३०  +  २० = ५०
४०  +  १० = ५०
१०  +  ५०  = ६०
२०  +  ४० = ६०
३०  +  ३० = ६०
४०  +  २० = ६०
५०  +  १० = ६०
१०  +  ६० = ७०
२०  +  ५० = ७०
३०  +  ४० = ७०
४०  +  ३० = ७०
५०  +  २० = ७०
६०  +  १० = ७०
१०  +  ७० = ८०
२०  +  ६० = ८०
३०  +  ५० = ८०
४०  +  ४० = ८०
५०  +  ३० = ८०
६०  +  २० = ८०
७०  +  १० = ८०
१०  +  ८० = ९०
२०  +  ७० = ९०
३०  +  ६० = ९०
४०  +  ५० = ९०
५०  +  ४० = ९०
६०  +  ३० = ९०
७०  +  २० = ९०
८०  +  १० = ९०
९०  +  १० = १००
८०  +  २० = १००
७०  +  ३० = १००
६०  +  ४० = १००
५०  +  ५० = १००
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लेखन :- शंकर चौरे ( प्रा. शिक्षक )
जि. प. शाळा - जामनेपाडा
केंद्र - रोहोड, ता. साक्री, जि. धुळे
९४२२७३६७७५

कारणे सांगा ( सामान्य विज्ञान )



 (१) वाळवंटी प्रदेशात घोळदार अंगरखे वापरतात.

--- वाळवंटी प्रदेशात हवामान उष्ण असते. तसेच सगळीकडे रेताड जमीन असते. म्हणून ऊन आणि रेतीपासून संरक्षण मिळावे यासाठी वाळवंटी प्रदेशात घोळदार अंगरखे वापरतात.

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 (२) सैनिक नेहमी मजबूत कापडाचे कपडे वापरतात.

--- सैनिकांना शारीरिक कष्टाचे जीवन जगावे लागते. त्यांना मैदाने, जंगले, दऱ्या-खोऱ्या, डोंगरात तसेच अतिशीत प्रदेशांत वावरावे लागते. सैनिकांचे कपडे टिकावेत व त्यांना संरक्षण मिळावे म्हणून सैनिकांना नेहमी मजबूत कापडाचे कपडे वापरावे लागतात. 

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(३) अग्नीजवळ किंवा यंत्राजवळ काम करणाऱ्या कामगारांचे कपडे अंगाभोवती नेमके बसणारे व अग्निरोधक कापडापासून तयार केलेले असतात. 

---  कारखान्यातील कामगारांना अग्नीजवळ, भट्टीजवळ किंवा यंत्राजवळ काम करावे लागते. अशा वेळी कपड्याचा कोठलाही भाग मोकळा राहून अपघात होऊ नये याची काळजी घेतली पाहिजे. त्यांना आगीपासून धोका असतो. त्यांचे आगीपासून आणि अपघातांपासून संरक्षण व्हावे म्हणून अग्नीजवळ किंवा यंत्राजवळ काम करणाऱ्या कामगारांचे कपडे अंगाभोवती नेमके बसणारे व अग्निरोधक कापडापासून तयार केलेले असतात.

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(४) सैनिकांच्या कपड्याचा रंग परिसराशी मिळता-जुळता असतो.

---- सैनिकांचे कपडे परिसराशी मिळते-जुळते असल्यावर ते शत्रुला चटकन दिसून येत नाही. शत्रूच्या नजरेतून निसटण्यासाठी हे फायदयाचे ठरते. सैनिकांच्या कपड्याचा रंग परिसराशी मिळता-जुळता असणे संरक्षणाच्या दृष्टीने फायदयाचे ठरते. म्हणून सैनिकांच्या कपड्याचा रंग परिसराशी मिळता-जुळता असतो.
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संकलन :- शंकर सिताराम चौरे ( प्रा. शिक्षक )
       जिल्हा परिषद प्राथमिक शाळा - जामनेपाडा
      केंद्र - रोहोड, ता. साक्री, जि. धुळे
     ९४२२७३६७७५