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Saturday 15 December 2018

मराठी - शब्दांच्या जोड्यातील फरक


 विद्यार्थी मित्र - मैत्रिणींनो,
   काय गंमत आहे पाहा. एका काना - मात्रेच्या,
एखाद्या अनुस्वाराच्या किंवा -हस्व - दीर्घाच्या
फरकाने भाषेतील शब्द अगदी वेगळीच अर्थ
सांगतात. निराळ्याच गोष्टीचा निर्देश करतात.

   उदा.   शव   -- म्हणजे  प्रेत
            शेव  -- खाण्याचा पदार्थ
   एक मात्रेच्या चुकीमुळे अर्थाचा अनर्थ होऊ
शकतो ना  ? किंवा  ' शेव ' शब्दाचा दोनपैकी
नेमका कोणता अर्थ घ्यायचा, हे संदर्भावरून
ठरते. अशा काही शब्दांच्या जोड्या पुढे
अर्थासह दिल्या आहेत.

   १. कबर -- थडगे
       कंबर -- शरीराचा भाग

   २. गृह   -- घर
       ग्रह   -- आकाशातील तेजोगोल

   ३. ढग  -- मेघ
       ढंग  -- चाळे

   ४. दिन  -- दिवस
       दीन  -- गरीब

   ५. निज  -- आपले, जवळचे
        नीज  -- झोप

   ६. पत्र   -- लिहावयाचे पत्र
        पात्र  -- योग्य, भांडे,  नाटकातील पात्र

   ७. परिमाण -- मापदंड, निकष
        परिणाम -- शेवट

   ८. पाणि  -- हात
       पाणी  -- जल

   ९. पिक  -- कोकीळ
       पीक  -- शेतातील पीक

   १०. फंड  -- वर्गणी
         फड  -- जमाव

   ११. भराभर -- लवकर
          भाराभर -- पुष्कळ

   १२. भाडे  -- कर
         भांडे  -- पात्र

   १३. भाग  -- हिस्सा
         भांग  -- गांज्याची हिरवी पाने

   १४. मत्सर -- द्वेष
         मच्छर -- डास

   १५. मास  -- महिना
         मांस   -- शरीराचे मांस

   १६. माडी  -- मजला
         मांडी  -- शरीराचा पायाचा भाग

   १७. रग  -- जोर / उबदार पांघरूण
         रंग  -- वर्ण

   १८. राग  -- संताप
          रांग  -- ओळ,  पंक्ती

   १९. लक्ष  -- नजर
          लक्ष्य  -- ध्येय

   २०. वदन  -- तोंड
          वंदन  -- नमस्कार

   २१. शिला  -- खडक
          शीला  -- एक नाव,  शीलवती

   २२. शित  -- भाताचे शित
         शीत  --  थंड

   २३. शिर  -- डोके
          शीर  -- रक्तवाहिनी

   २४. सुत  -- मुलगा
         सूत  -- दोरा

   २५. सुर  -- देव
         सूर  -- स्वर,  आवाज

   २६.अभिनव  -- नावीन्यपूर्ण
         अभिनय -- हावभाव

   २७. आबा - एक नाव/आजोबांचे संबोधन
         आंबा - एक फळ

   २८. काकू  -- चुलती
         कांकू  -- धरसोड

   २९. कुडी -- देह,   शरीर
         कुंडी -- मातीचे पात्र

   ३०. खोड -- सवय
         खोंड -- वासरू (नर )

   ३१. तगडी -- सशक्त
         तंगडी -- पाय

   ३२.आव्हान -- लढाईस बोलावणे, हटकणे.
         आवाहन -- हाक मारणे, बोलावणे.
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संकलक :- शंकर सिताराम चौरे(प्रा. शिक्षक)
                 पिंपळनेर, ता. साक्री, जि. धुळे
               📞९४२२७३६७७५
      

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