(१) साग
उपयोग :- घरातील फर्निचर, जहाज बांधणी,
इमारती बांधणी.
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(२) चंदन
उपयोग :- -- आयुर्वेदिक व इतर औषधे, कलाकुसरीच्या वस्तू ,चंदनाच्या गाभ्यापासून चंदनतेल मिळते.
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(३) शिसव
उपयोग :- -- फर्निचर बनविणे, कलाकुसरीच्या वस्तू बनविणे.
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(४) हळदू
उपयोग : -- फर्निचर बनविणे
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(५) खैर
उपयोग -- खैराच्या गाभ्यापासून कात मिळविता.
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(६) सावर
उपयोग : -- आगकाड्या तयार करणे.
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(७) सुबाभूळ
उपयोग : -- इमारतीसाठी लाकूड, पाने बक-यांसाठी चारा म्हणून.
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(८) कडुनिंब
उपयोग : -- डिंक उत्पादन, बियांचा वापर तेल निर्मितीसाठी.
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(९) देवदार
उपयोग :-- फर्निचर, कलाकुसरीच्या वस्तू .
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(१०) बाभूळ
उपयोग : -- जळणासाठी लाकूड, पाने व शेंगा जनावरांसाठी चारा म्हणून.
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संकलक :- शंकर सिताराम चौरे (प्रा शिक्षक )
जि. प.प्रा. शाळा जामनेपाडा केंद्र रोहोड
ता. साक्री जि धुळे
९४२२७३६७७५
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