(१) मी आहे जंगलाचा राजा, चाल तर ऐटबाज,
आयाळ माझी शान, चटकन तू जाण !
सांगा पाहू मी कोण ?
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(२) नाही दिसत डोळ्यांना, नाही लागत हाताला !
आहे आजूबाजूला सर्वत्र, ओळखा पाहू मला.
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(३) नाहीत पाय, नाहीत हात, तरी पळतो वेगाने
पाहून मजला भितात लोक, सांगा मी कोण ?
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(४) शेतीची, घराची करतो राखण,
प्रामाणिक म्हणून माझी शान,
वास, आवाजावरून ओळखतो,
मिश्राहार घेतो. सांगा पाहू मी कोण ?
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(५) दरवर्षी बदलतो पाने, पारंब्यांवर मुले खेळती,
पक्षांना देतो आधार, धरतो तुम्हावर छाया.
सांगा पाहू मी कोण ?
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उत्तरे :-(१) सिंह,(२) हवा,(३) साप, (४) कुत्रा, (५) वडाचं झाड.
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संकलन :- शंकर सिताराम चौरे (प्रा. शिक्षक )
पिंपळनेर ता. साक्री जि. धुळे
९४२२७३६७७५
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