चाल तर ऐटबाज,
आयाळ माझी शान,
चटकन तू जाण !
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(२) दरवर्षी बदलतो पाने,
पारंब्यांवर मुले खेळती,
पक्षांना देतो आधार,
धरतो तुम्हावर छाया.
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(३) शेताची, घराची करतो राखण,
प्रामाणिक म्हणून माझी शान,
वास, आवाजावरून ओळखतो,
मिश्राहार घेतो.
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(४) नाही दिसत डोळ्यांना,
नाही लागत हाताला !
आहे आजूबाजूला सर्वत्र,
ओळखा पाहू मला.
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(५) नाहीत पाय, नाहीत हात,
तरी पळतो वेगाने
पाहून मजला भितात लोक,
सांगा मी कोण ?
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उत्तरे :- (१) सिंह (२) वडाचे झाड
(३) कुत्रा(४) हवा (५)साप
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संकलक :- शंकर सिताराम चौरे (प्रा. शिक्षक)
जिल्हा परिषद प्राथमिक - जामनेपाडा
केंद्र - रोहोड, ता. साक्री, जि. धुळे
९४२२७३६७७५
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