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Monday, 6 November 2023

पहेलियाँ सुलझाइए (शंकर चौरे सर)


१)दूध मिले तो मैं पी जाऊँ,
चूहे को भी चटकर जाऊँ।
मेरे रंगों के ये भेद (प्रकार) 
काली, कबरी और सफेद।

---- बिल्ली
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(२) हल्की-हल्की उसकी काया,
      चीं-चीं करके शोर मचाया।
     फुदक-फुदक मन ललचाए,
     मुन्नी उसको पकड़ न पाए।

-----  चिडिया 
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(३)खेल है नसीब का,
घर हूँ गरीब का।
एक-एक दिन गिनती हूँ
घास-फूस से बनती हूँ।

---- झोपडी
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(४)गाँव-गाँव की प्यास बुझाती, 
कल-कल का संगीत सुनाती।
बहती रहना मेरा काम,
बतलाओ तो मेरा नाम

----- ‌नदी
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(५) पर्वत एक निराला हूँ, 
भारत का रखवाला हूँ। 
काया मेरी लंबी-मोटी, 
एवरेस्ट है मेरी चोटी।

----- ‌ हिमालय
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संकलक :- शंकर चौरे सर
पिंपळनेर (साक्री) जि.धुळे
9422736775 / 7721941496

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