माझ्या ब्लॉगवर मी श्री.शंकर चौरे आपले स्वागत करत आहे,ब्लॉग अपडेट करण्याचे काम चालू आहे..

ब्लॉग भेटी.

Sunday, 26 November 2017

ओळखा पाहू आम्ही कोण ?

(१) कधी हातावर, कधी भिंतीवर
         जाऊन मी बसतो
         तीन हात माझे सतत
         फिरवत मी असतो
         वेळ वाया घालवू नका
         असा नेहमी उपदेश करतो.
----------------------------------------------
(२) शर्टाच्या खिशावर
      रूबाबात बसतो
      काहीही लिहिण्यासाठी
      माझ्याशिवाय पर्याय नसतो .
-----------------------------------------------
(३) आम्हाला काय पायच नाय,
      वळवळ सळसळ करीत जाय
      हिस्स् फुस्सचा हिसका बसता
   धडकी भरेल, कराल काय ? आम्ही कोण ?
--------------------------------------------------
(४) लहानपणी हिरवा,
      चव माझी आंबट
      मोठेपणी पिवळा
      चव माझी गोड,
      मी तर आहे फळांचा राजा.
--------------------------------------------------
(५) आहे मी लवचिक खरी,
      कामे माझी कितीतरी
      कडू , गोड, आंबट, खारट,
      माझ्याविना नाहीच कळत.
----------------------------------------------
उत्तरे :- (१) घड्याळ, (२) पेन, (३) साप,
           (४) आंबा, (५) जीभ.
-----------------------------------------------
संकलन :- शंकर सिताराम चौरे (प्रा.शिक्षक)
               जि.प प्रा.शाळा बांडीकुहेर
               ता. साक्री जि.धुळे
                ९४२२७३६७७५
--------------------------------------------------

No comments:

Post a Comment