(१) कधी हातावर, कधी भिंतीवर
जाऊन मी बसतो
तीन हात माझे सतत
फिरवत मी असतो
वेळ वाया घालवू नका
असा नेहमी उपदेश करतो.
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जाऊन मी बसतो
तीन हात माझे सतत
फिरवत मी असतो
वेळ वाया घालवू नका
असा नेहमी उपदेश करतो.
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(२) शर्टाच्या खिशावर
रूबाबात बसतो
काहीही लिहिण्यासाठी
माझ्याशिवाय पर्याय नसतो .
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रूबाबात बसतो
काहीही लिहिण्यासाठी
माझ्याशिवाय पर्याय नसतो .
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(३) आम्हाला काय पायच नाय,
वळवळ सळसळ करीत जाय
हिस्स् फुस्सचा हिसका बसता
धडकी भरेल, कराल काय ? आम्ही कोण ?
वळवळ सळसळ करीत जाय
हिस्स् फुस्सचा हिसका बसता
धडकी भरेल, कराल काय ? आम्ही कोण ?
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(४) लहानपणी हिरवा,
चव माझी आंबट
मोठेपणी पिवळा
चव माझी गोड,
मी तर आहे फळांचा राजा.
चव माझी आंबट
मोठेपणी पिवळा
चव माझी गोड,
मी तर आहे फळांचा राजा.
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(५) आहे मी लवचिक खरी,
कामे माझी कितीतरी
कडू , गोड, आंबट, खारट,
माझ्याविना नाहीच कळत.
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उत्तरे :- (१) घड्याळ, (२) पेन, (३) साप,
(४) आंबा, (५) जीभ.
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संकलन :- शंकर सिताराम चौरे (प्रा.शिक्षक)
जि.प प्रा.शाळा बांडीकुहेर
ता. साक्री जि.धुळे
९४२२७३६७७५
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कामे माझी कितीतरी
कडू , गोड, आंबट, खारट,
माझ्याविना नाहीच कळत.
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उत्तरे :- (१) घड्याळ, (२) पेन, (३) साप,
(४) आंबा, (५) जीभ.
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संकलन :- शंकर सिताराम चौरे (प्रा.शिक्षक)
जि.प प्रा.शाळा बांडीकुहेर
ता. साक्री जि.धुळे
९४२२७३६७७५
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