(१) संग तसा रंग
---- संगतीप्रमाणे वर्तन करणे.
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(२) शेजीबाईची कढी , धाव धाव वाढी.
---- एखाद्याची वस्तू घेऊन दुसऱ्यावर उपकार दाखविणे.
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(३) सारा गाव मामाचा एक नाही कामाचा.
---- जवळच्या अशा अनेक व्यक्ती असणे; पण त्यांपैकी कोणाचाच उपयोग न होणे.
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(४) मानेवर गळू आणि पायाला जळू.
---- रोग एकीकडे उपाय भलतीकडे.
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(५) डोळ्यात केर आणि कानात फुंकर.
---- रोग एका जागी व उपचार दुस-या जागी.
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(६) शितावरून भाताची परीक्षा.
----- वस्तूच्या लहान भागावरून त्या संपूर्ण वस्तूची परीक्षा होते.
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(७) रात्र थोडी सोंगे फार.
---- कामे भरपूर ; पण वेळ थोडा असणे.
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(८) कामापुरता मामा.
---- गरजेपुरते गोड बोलणारा; मतलबी माणूस.
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(९) इकडे आड, तिकडे विहीर.
---- दोन्ही बाजूंनी संकटात सापडणे.
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(१०) अंथरुण पाहून पाय पसरावे.
---- ऐपतीच्या मानाने खर्च करावा.
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(११)बळी तो कान पिळी.
---- बलवान माणूस इतरांवर हुकमत गाजवतो.
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(१२) एका पिसाने मोर. ( होत नाही ).
---- थोड्याशा यशाने हुरळून जाणे.
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संकलक :- शंकर सिताराम चौरे ( प्रा. शिक्षक )
जिल्हा परिषद प्राथमिक शाळा - जामनेपाडा
केंद्र - रोहोड, ता. साक्री, जि. धुळे
९४२२७३६७७५
93700009867
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