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Wednesday, 29 March 2017

" म्हणी व त्यांचा अर्थ "

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          " म्हणी व त्यांचा अर्थ "
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     संकलक:- शंकर चौरे(पिंपळनेर)धुळे
                    ¤ ९४२२७३६७७५ ¤

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(१) अति तेथे माती .
-- कोणत्याही गोष्टीचा अतिरेक हा
    शेवटी नुकसानकारक ठरतो.
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(२)अडला हरी गाढवाचे पाय धरी.
-- एखाद्या बुद्धिमान,सज्जन माणसाला 
   देखील अडचणीच्या वेळी मूर्ख, दुर्जन
   माणसाची विनवणी करावी लागते.
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(३) इकडे आड, तिकडे विहीर.
-- दोन्ही बाजूंनी सारखीच अडचणीची
   स्थिती निर्माण होणे.
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(४) अंथरूण पाहून पाय पसरावे.
-- ऐपतीच्या मानाने खर्च करावा.
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(५)गोगलगाय नि पोटात पाय.
--- बाहेरून गरीब दिसणारी;पण मनात          कपट असणारी व गुप्तपणे            
खोडसाळपणा  करणारी व्यक्ती.
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(६) पळसाला पाने तीनच.
-- सर्वत्र सारखीच परिस्थिती असणे.
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(७) बैल गेला नि झोपा केला.
-- एखादी गोष्ट होऊन गेल्यावर त्यासाठी
   केलेली व्यवस्था व्यर्थ ठरते.
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(८) रात्र थोडी सोंगे फार.
-- कामे भरपूर, पण वेळ थोडा.
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(९) हत्ती गेला नि शेपूट राहिले.
-- कामाचा मोठा भाग पार पाडून थोडेसे
   काम शिल्लक राहणे.
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(१०) लेकी बोले सुने लागे.
--  एकाला उद्देशून पण दुसर्‍याला लागेल
    असे बोलणे.

       संकलक :- शंकर चौरे(प्रा. शिक्षक)
                      पिंपळनेर 
                      ता.साक्री जि.धुळे
                      📞 ९४२२७३६७७५

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