(समानार्थी शब्द )
🔹 जुळे बंधूभाऊ 🔹
कवी :- शंकर चौरे(पिंपळनेर)धुळे
¤ ९४२२७३६७७५
पाणी - नीर
थंड - गार
काठ -तीर
लांब - फार
झरा - निर्झर
रम्य - सुंदर
समुद्र -सागर
गिरी -डोंगर
वारा -समीर
शेत -वावर
तिमिर -अंधार
आकाश -अंबर
मयूर -मोर
चाणाक्ष -चतुर
शहाणा -हुशार
खट्याळ -खोडकर
बाण -तीर
पंख -पर
दृष्टी -नजर
हात -कर
पारध -शिकार
बेत -विचार
बळ -जोर
सज्ज -तयार
देव -ईश्वर
महेश -शंकर
गणपती -लंबोदर
देऊळ -मंदिर
राक्षस -असुर
गर्व -अहंकार
क्रूर -निष्ठूर
जुलूम -अत्याचार
प्रपंच -संसार
पती -भ्रतार
भाऊ -सहोदर
चाकर -नोकर
सदन -घर
स्त्री - नार
धैर्य -धीर
जास्त -फार
देह -शरीर
डोके -शीर
कटी -कंबर
वस्त्र -अंबर
ह्रदय -अंतर
युद्ध -समर
संघर्ष -टक्कर
विनाश -संहार
दिवस -वार
सूर्य -भास्कर
विलंब -उशिर
स्तब्ध - स्थिर
दूध -क्षीर
गोड -मधूर
भुंगा -भ्रमर
पराक्रमी -वीर
प्रवास -सफर
सोपा -सुकर
पुष्कळ -अपार
अंत -अखेर
कवी :- शंकर चौरे(प्रा.शिक्षक)
पिंपळनेर
ता.साक्री जिल्हा धुळे
📞 ९४२२७३६७७५
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